Tarun Sharma
Friday 29 July 2016
"बसेरा आज फिर ख़ाली है
सुना है कभी किसी परिंदे नें घर बनाया था "
- तरुण शर्मा
Thursday 28 July 2016
" तेरे ख़्वाब देख कर भी
ख़ामोश इतना मैं हूँ
कह रहा आज कोई
ग़ुरूर-ए-हुस्न में
कितना
हूँ
"
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