अतीत की दास्तान के पिटारे को बंद कीजिये
और समंदर की गहराइयों में उसे छोड़ दीजिये
भूलने -भुलाने की ये कवायद ताउम्र जारी रहे|
साल दर साल बदलते रहे नए साल आते रहे
सूरज की नयी किरणें, हजारों ख्वाहिशें लियें
ज़िंदगी के हर कदम हर मुकाम पर
बेसब्री से पहुँचने की जिद पर अड़ी हैं
ज़िंदगी का मेरा यही फ़लसफ़ा रहा है
जियें अलहदा सी ज़िंदगी को
एक खूबसूरत लम्हात में
एक अल्हड़ मन के साथ !
और समंदर की गहराइयों में उसे छोड़ दीजिये
भूलने -भुलाने की ये कवायद ताउम्र जारी रहे|
साल दर साल बदलते रहे नए साल आते रहे
सूरज की नयी किरणें, हजारों ख्वाहिशें लियें
ज़िंदगी के हर कदम हर मुकाम पर
बेसब्री से पहुँचने की जिद पर अड़ी हैं
ज़िंदगी का मेरा यही फ़लसफ़ा रहा है
जियें अलहदा सी ज़िंदगी को
एक खूबसूरत लम्हात में
एक अल्हड़ मन के साथ !
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