जाडे़ का इक कारवाँ
सर्दियों की ओस
बेताबियां भी कभी सर्द लम्हें छू लेती है
जाने जाडे़ का अहसास हैरान जिंदगी में
कब गुनगुनी सर्दियों का इतमीनान ले बैठता है
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