Sunday 22 March 2020

चलिए एक सवांद करते हैं
आसमं में उड़ते परिंदों का शोर
और
पिंजरे में क़ैद इंसानो की ख़ामोशी !

अजीब शख्स है, रोज़ फ़िज़ूल के बाते करता हैं
मैं चाहता हूँ आज करे तो चुप्पी साध बैठा है !

एक शाम
भूली- बिसरी यादें
बेफ़िक्र सी हंसी
हज़ारों लफ़्ज़ों की ख़ुशी
और दो पल जीने की खाव्हिश !


सुनसान सी गलियों में
आज घरो के सारे झरोखे
खुलने दो
अधूरी हसरतों को आज
जी भर जी लेने दो

आज मुज़्दा ये है
मेरी तन्हाई ने आज
एक फरमान जारी किया
तू, तेरी ज़ीस्त, तेरी जुस्तजू
सब कुछ मैं ही तेरा
एक गम - गुसार!

Khwabon ke baste khulne to do
Hawon ko raaste sajane to do
Hum chale in muskurati rahon me
Ab Jaana kahan h, kya pata

Kal ki kis ko fikar hai
Sab dhadkane ab tez hai
Anjaani kashtiyon pe sawaar
Kinare ab door hai

Vakt h to hasne de
Dard h to mitne de
Faslon ko ab tutne do
In Lamhon ko yun hi jeene do
Khwabon ke baste khulne to do
Hawon ko raaste sajane to do

Hazaro sawal, dhundhun kya
Jab mil gya ye jahan
Zindagi ke safar par
Likh do ye dastan

ख्वाबों के बस्ते खुलने तो दो
हवाओं को रास्ते सजाने तो दो
हम चले इन मुस्कुराती राहों में
अब जाना कहाँ है, क्या पता

कल की किस को फिक्र हैं
सब धड़कने अब तेज हैं
अनजानी कश्तियों पे सवार
किनारे अब दूर हैं

वक्त है तो हंसने दे
दर्द है तो मिटने दे
फासलों को अब टूटने दो
इन लम्हो को यूँ ही जीने दो
ख्वाबों के बस्ते खुलने तो दो
हवाओं को रास्ते सजाने तो दो

हज़ारों सवाल, ढूँढूं क्या
जब मिल गया ये जहान
ज़िंदगी के सफर पर
लिख दो ये दास्तान


Sune shahar veeran kuche
Khule aasmaan me
Udte Parindo ka shor
Aur gulzaar sa ek ghar
Chaliye ek Takreer ho jaye
Tum aur Mein, Ek Safar











































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