कुछ रास्ते कभी मिलते नहीं
कभी हम चलते नहीं तो
कभी तुम रुकते नहीं
ज़िन्दगी की उलझनों में
अतीत के कुछ पन्ने हम से छूट गए
तो कुछ पन्ने तुमसे घूम गए
इन राहो के दरमियान हरेक पल
बीते हुए कल के खोफ़ में
संजीदगी से जी नहीं पाया
कुछ राहों की चाल कभी
मोड़ किनारो पर आयी नहीं
हमारी चाल राहों के झोर
से कभी आगे चली नहीं
कभी हम चलते नहीं तो
कभी तुम रुकते नहीं
ज़िन्दगी की उलझनों में
अतीत के कुछ पन्ने हम से छूट गए
तो कुछ पन्ने तुमसे घूम गए
इन राहो के दरमियान हरेक पल
बीते हुए कल के खोफ़ में
संजीदगी से जी नहीं पाया
कुछ राहों की चाल कभी
मोड़ किनारो पर आयी नहीं
हमारी चाल राहों के झोर
से कभी आगे चली नहीं
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