कुछ पेड़ो की शाखाये खाली है
कुछ पुराने पत्ते नीरस हों चले
कुछ नए पत्तों के रंग समेटने
बदरंग डालियों की पीड़ा को
समझता दरख़्त भी जानता
कुछ समय भर के हमराही है
जीता उन पलों को खुशियों से
पत्तों की टहनियों से भरा वृक्ष
कभी भय से जीता नहीं जीवन
जीवन के कुछ पल दो पल कभी
गम तो कभी खुशियों से भरे है
हर पल आनंद के आघोष में जियें
क्यों की पल भर की ज़िन्दगी में
कुछ पल के मेहमान बने है
कुछ नए पत्तों के रंग समेटने
बदरंग डालियों की पीड़ा को
समझता दरख़्त भी जानता
कुछ समय भर के हमराही है
जीता उन पलों को खुशियों से
पत्तों की टहनियों से भरा वृक्ष
कभी भय से जीता नहीं जीवन
जीवन के कुछ पल दो पल कभी
गम तो कभी खुशियों से भरे है
हर पल आनंद के आघोष में जियें
क्यों की पल भर की ज़िन्दगी में
कुछ पल के मेहमान बने है
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