चलोगे दोस्त मेरे साथ इस सफर पे
सुनो
कुछ ढूंढ़ रहे हो दोस्त
क्यों ना इस खुशनुमा पगडंडी पे
चल के देखो मीलों सा है फासला
पर क्या पता शायद मिल जाए कहीं पे
खोया हुआ तुम्हारा सुकून का झोला
सुना है ये रास्ते ले जाते है
दूर किसी सपनो की पहाड़ी की ओर
पहाड़ी के तले बसती है
एक सतरंगी दुनिया
छोटी ही पर मिलती है
वहां सबको अपने मन की दुनिया
ये शाम क्यों ना
हम तुम भी एक कोशिश करे
जेब में दो आने ही सही
गुलाबी आसमां देखने के बहाने ही सही
ज़िंदगी की दौड़ से दूर, वक्त को दिल पे थामने
चलोगे दोस्त मेरे साथ इस सफर पे
कल की राहों में हो फंसे
जरा सम्भलना दोस्त
सुना है उस दुनिया को
ये फेर कतई पसंद नहीं
मुस्कुराते हुए खिलखिलाते हुए
बेसुरे ही बिसरे नज़मे गुनगुनाते हुए
थोड़ा तुम अपनी बेताबी के लिफाफे खोलना
थोड़ा मैं अपने रोमांच के खत खोलूं
कही किसी शाम Cafe में बैठे हुए
यूं ही चाय पे तेरे मेरे सियापों की चर्चा करे
कभी तुम कैमरे का फोकस सेट करना
कभी मैं आवारा ख़यालों के Sketch तराशूं
सुबह से ढलती शाम तक बस हम तुम यहीं
गढ़ते रहे कारिस्तानी इस सुनहरे PostCard पे
बोलो दोस्त
चलोगे मेरे साथ इस सफर पे
सुनो
कुछ ढूंढ़ रहे हो दोस्त
क्यों ना इस खुशनुमा पगडंडी पे
चल के देखो मीलों सा है फासला
पर क्या पता शायद मिल जाए कहीं पे
खोया हुआ तुम्हारा सुकून का झोला
सुना है ये रास्ते ले जाते है
दूर किसी सपनो की पहाड़ी की ओर
पहाड़ी के तले बसती है
एक सतरंगी दुनिया
छोटी ही पर मिलती है
वहां सबको अपने मन की दुनिया
ये शाम क्यों ना
हम तुम भी एक कोशिश करे
जेब में दो आने ही सही
गुलाबी आसमां देखने के बहाने ही सही
ज़िंदगी की दौड़ से दूर, वक्त को दिल पे थामने
चलोगे दोस्त मेरे साथ इस सफर पे
कल की राहों में हो फंसे
जरा सम्भलना दोस्त
सुना है उस दुनिया को
ये फेर कतई पसंद नहीं
मुस्कुराते हुए खिलखिलाते हुए
बेसुरे ही बिसरे नज़मे गुनगुनाते हुए
थोड़ा तुम अपनी बेताबी के लिफाफे खोलना
थोड़ा मैं अपने रोमांच के खत खोलूं
कही किसी शाम Cafe में बैठे हुए
यूं ही चाय पे तेरे मेरे सियापों की चर्चा करे
कभी तुम कैमरे का फोकस सेट करना
कभी मैं आवारा ख़यालों के Sketch तराशूं
सुबह से ढलती शाम तक बस हम तुम यहीं
गढ़ते रहे कारिस्तानी इस सुनहरे PostCard पे
बोलो दोस्त
चलोगे मेरे साथ इस सफर पे
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