आवारा से सफर
वादियों में बहती हुई धुन ये इशारे दे
आवारा से सफर को कही किनारे दे
ढेढे-मेढ़े रस्ते है
कंधो पे बोझिल बस्ते है
तू है यहाँ, साथ भी ये जहां
तो गिरा दे सैलाब यहां
थोड़ा बेताब हो जा जरा
ख्वाबो को यही ठिकाने दे
हो जाये हम यही लापता
ना रहे अता पता किसी का हमे
खो जाये दिल कुछ पल कहीं
यही कहे हर पल इस सफर का हमे
कागज के परदे है
दुबके मजहबी बेतुके है
कुछ गलत भी हो जाये तो क्या हर्ज़
हो जा जरा खुदगर्ज़
बेधड़क तराने, इस तरह से चले
होश रहे ना हमे कही ये जहां
नशे में शोर गूंजे यहां से वहां
वादियों में बहती हुई धुन ये इशारे दे
आवारा से सफर को कही किनारे दे
ढेढे-मेढ़े रस्ते है
कंधो पे बोझिल बस्ते है
तू है यहाँ, साथ भी ये जहां
तो गिरा दे सैलाब यहां
थोड़ा बेताब हो जा जरा
ख्वाबो को यही ठिकाने दे
हो जाये हम यही लापता
ना रहे अता पता किसी का हमे
खो जाये दिल कुछ पल कहीं
यही कहे हर पल इस सफर का हमे
कागज के परदे है
दुबके मजहबी बेतुके है
कुछ गलत भी हो जाये तो क्या हर्ज़
हो जा जरा खुदगर्ज़
बेधड़क तराने, इस तरह से चले
होश रहे ना हमे कही ये जहां
नशे में शोर गूंजे यहां से वहां
No comments:
Post a Comment